
डीन डॉ. सजल मित्रा ने हीमोफीलिया पीड़ितों को हर संभव मदद देने का किया वादा।
हीमोफीलिया पीड़ितों के लिए डॉ. आयुश्री देशमुख की सराहनीय पहल।
एनकेपी सालवे मेडिकल कॉलेज एवं लता मंगेशकर हॉस्पिटल, नागपुर (हिंगना रोड और सीताबर्डी) तथा हीमोफिलिया सोसाइटी नागपुर चैप्टर ने विश्व हीमोफीलिया दिवस 2025 को चिह्नित करने के लिए 25 अप्रैल को एनकेपी सालवे मेडिकल कॉलेज एवं लता मंगेशकर हॉस्पिटल, हिंगना रोड, नागपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस वर्ष की थीम “Access for All: Women & Girls Bleed too” है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सजल मित्रा (डीन, एनकेपी सालवे मेडिकल कॉलेज एवं लता मंगेशकर हॉस्पिटल) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने हीमोफीलिया के निदान, उपचार और जागरूकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ”हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है. रोगी के जोड़ों में आंतरिक रक्तस्राव को रोकना जरूरी है. माता-पिता को हीमोफीलिया से पीड़ित बच्चों की अच्छी देखभाल करनी चाहिए. अच्छी देखभाल से कोई भी सामान्य जीवन जी सकता है. निवारक उपायों, उपचार और पुनर्वास (प्रिव्हेन्शन, ट्रीटमेंट एवं रिहॅबिलिटेशन) के साथ, हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है. लता मंगेशकर हॉस्पिटल अत्याधुनिक उपचार प्रदान करके हीमोफीलिया रोगियों के लिए अच्छा काम कर रहा है. इसे लेकर जन जागरूकता की जरूरत है सरकार ने हीमोफीलिया के मरीजों के लिए है खास योजना लायी है. डॉक्टरों की टीम को ऐसे मरीजों की हमेशा मदद करनी चाहिए.”
डॉ. आयुश्री देशमुख (अध्यक्ष, हीमोफिलिया सोसाइटी नागपुर चैप्टर) ने अपने संदेश में कहा, “रक्तस्राव विकार वाली महिलाओं और लड़कियों का अभी भी बड़े पैमाने पर निदान नहीं हो पाता है और उन्हें उपचार से वंचित रहना पडता है। इसे बदलने की शक्ति और जिम्मेदारी विश्व हीमोफिलिया सोसायटी की है। पहचान, निदान, उपचार और देखभाल के माध्यम से, महिलाओं और लड़कियों के जीवन में सुधार होगा और समाज मजबूत होगा।”
डॉ. काजल मित्रा (निदेशक-शिक्षा, एनकेपी सालवे मेडिकल कॉलेज) और डॉ. नितिन देवस्थले (वाइस डीन और चिकित्सा अधीक्षक) ने अपने भाषण में हीमोफीलिया के बारे में जन जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया और हीमोफीलिया पीड़ितों को अच्छी उपचार सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया।
हीमोफीलिया सोसायटी नागपुर चैप्टर सचिव डॉ. अंजू मेहरोत्रा कडू ने सोसायटी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद हीमोफीलिया रोगियों के लिए जानकारीपूर्ण सत्र का आयोजन किया गया।
डॉ. गिरीश नानोटी (बालरोग विभाग प्रमुख), डॉ. तनुजा मनोहर (मेडिसिन विभाग प्रमुख), डॉ. प्रदीप पझारे, डॉ. हिमांशु दुवा, डॉ. किरण गायकवाड़, डॉ. शिल्पा चौरसिया ने उपस्थित 150 हीमोफीलिया पीड़ित बच्चों और उनके अभिभावकों को बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीना देशमुख ने किया।
वीएसपीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी (लता मंगेशकर हॉस्पिटल, हिंगना रोड परिसर) मे डब्ल्यूएफएच-इन-कंट्री ट्विनिंग परियोजना के तहत हीमोफीलिया के मरीजों के लिए फिजियोथेरपी कार्यशाला शनिवार, 26 अप्रैल 2025 को सुबह 10 से 3 तक आयोजित की जाएगी ।
[हीमोफीलिया एक दुर्लभ विकार है जिसमें थक्के बनाने वाले प्रोटीन की कमी के कारण रोगी का रक्त ठीक से नहीं जम पाता है। जब हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति घायल हो जाता है, तो थक्के जमाने वाले कारकों की कमी के कारण उसे अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है। उनमें दूसरों की तुलना में तेजी से खून नहीं बहता है, बल्की उनमें अधिक समय तक खून बहता है।]