महाराष्ट्र विपक्षी दल “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” – पूर्व उपसरपंच वाडी आनंद बाबू कदम
राजनीति

महाराष्ट्र में विपक्षी दल “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” कहावत को चरितार्थ कर रहा है। जब से महाराष्ट्र सरकार ने गरीब महिलाओं के हित में लाड़की बहन योजना और अन्य योजनाएं लागू की हैं, तब से विपक्षी दल के पेट में दर्द होने लगा है। महायुति सरकार के सत्ता में आने के बाद से विपक्षी दल की भूमिका सरकार की योजनाओं का विरोध करने की ही नजर आ रही है। जब से लाड़की बहनों के खातों में पैसे आने लगे हैं, तब से वे इस तरह के बयान दे रहे हैं,
“लाड़की बहन योजना बंद हो जाएगी, पैसा कहां से आएगा, अन्य योजनाओं का पैसा लाड़की बहन योजना में जाता है, पैसा कहां से आएगा?” दरअसल, उनके 90 प्रतिशत विधायक और सांसद करोड़पति और अरबपति हैं, लेकिन वे खुद सरकार से लाभ लेते हुए लाखों रुपए वेतन लेते हैं। वे अपने वेतन के अलावा अपने पीए के वेतन, रेल टिकट खर्च, हवाई टिकट खर्च, कैंटीन का खाना, टेलीफोन (मोबाइल) बिल, बंगला, कार पेट्रोल खर्च, मतदाता संघ में यात्रा भत्ता और ऐसी कई अन्य योजनाओं पर भी पैसा खर्च करते हैं। इतना ही नहीं, कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें पेंशन भी मिलती है। अगर ये सभी विधायक और सांसद सरकार से लाभ न लेने का फैसला करते हैं, तो भी लाड़की बहन योजना के लिए पैसे की कमी नहीं होगी। इसका लाभ महिलाओं को मिलेगा।
आनंद बाबू कदम
पूर्व उपसरपंच वाडी